चीन ने फुटबॉल ट्रांसफर में सिर्फ 220 करोड़ खर्च किए, पिछली बार 1680 करोड़ रु. खर्चे थे
हांगकांग. कोरोनावायरस के कारण से चीन के फुटबॉल में गिरावट हो रही है। इससे वहां की फुटबॉल की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। वहां के क्लबों ने इस बार खिलाड़ियों के ट्रांसफर पर नाममात्र का खर्च किया है। शुक्रवार को फुटबॉल की ट्रांसफर विंडो बंद हो जाएगी।
खर्च पिछली बार से 87 फीसदी कम
दुनियाभर के फुटबॉल खिलाड़ियों के ट्रांसफर का एनालिसिस करने वाली जर्मन वेबसाइट ट्रांसफरमार्केट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस बार विंटर ट्रांसफर विंडो में सिर्फ 28.11 मिलियन यूरो (220 करोड़ रुपए) खर्च किए हैं। यह पिछली बार से 87% कम हैं। पिछली बार इस दौरान चीन के क्लबों ने 213.70 मिलियन यूरो (करीब 1680 करोड़ रुपए) खर्च किए थे। उस समय चाइनीज सुपर लीग दुनिया की अन्य सभी बड़ी लीग में सबसे ज्यादा खर्च करने वाली लीग बनी थी।
घरेलू लीग टली
इस बार चीन ने 2011 के बाद सबसे कम खर्च किया। यह कोरोनावायरस के कारण है। उससे 2700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 78 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। चीन ने घरेलू फुटबॉल लीग अनिश्चित समय के लिए टाल दी है। शंघाई एसआईपीजी ने ब्राजील के रिकार्डो लोपेस को 5.46 मिलियन यूरो (करीब 43 करोड़ रुपए) में खरीदा है। यह इस बार का सबसे बड़ा ट्रांसफर है। चीन के क्लब शंघाई एसआईपीजी ने 2016-17 में ब्राजील के ऑस्कर को 54 मिलियन यूरो (करीब 499 करोड़ रुपए) में खरीदा था। यह चीन की फुटबाॅल में रिकॉर्ड डील थी।
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