कोरोनावायरस कंट्रोल नहीं किया गया तो 124 साल के इतिहास में चौथी बार रद्द हो सकता है ओलिंपिक
खेल डेस्क. दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन ओलिंपिक पर कोरोनावायरस का खतरा मंडरा रहा है। टोक्यो में 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होने वाले ये गेम्स कोरोनावायरस के कारण रद्द हो सकते हैं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के सबसे सीनियर सदस्य डिक पाउंड ने कहा कि अगर कोरोनावायरस को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो टोक्यो ओलिंपिक को रद्द करना पड़ सकता है। कनाडा के पाउंड स्वीमिंग चैंपियन रह चुके हैं। वे 1978 से आईओसी के सदस्य हैं। पाउंड ने कहा, ‘हमारे पास अभी 3 महीने का समय है, जिसमें हम टोक्यो ओलिंपिक के भविष्य पर फैसला लेंगे।
मई के अंत तक हम गेम्स के आयोजन को लेकर निर्णय कर लेंगे। अगर, कोरोनावायरस के कारण हालात नियंत्रण में नहीं आए तो ओलिंपिक गेम्स रद्द कर दिए जाएंगे। न तो इन्हें टाला जाएगा और न ही मेजबान बदला जाएगा।’ पाउंड ने गेम्स को टालने की संभावना पर कहा, ‘हम ऐसा नहीं कह सकते कि ये गेम्स अक्टूबर में करा लेंगे क्योंकि हो सकता है कि उस समय किसी दूसरी जगह दूसरा बड़ा टूर्नामेंट चल रहा हो। इतने बड़े आयोजन की तैयारी भी सिर्फ 6-8 महीने में नहीं हो सकती।’
गेम्स की तैयारियां योजना के अनुसार जारी
इस बीच, आईओसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘गेम्स की तैयारियां योजना अनुसार चल रही हैं। बाकी सब कुछ सिर्फ अटकलें हैं।’ अगर ओलिंपिक रद्द हुआ, तो यह ओलिंपिक के 124 साल के इतिहास में चौथा मौका होगा, जब गेम्स रद्द होंगे। इससे पहले, 1916, 1940, 1944 ओलिंपिक वर्ल्ड वॉर के कारण रद्द हुए थे।
2011 सुनामी के बाद खेलों पर सबसे बड़ा असर
जापान दूसरा देश है, जहां कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जापान ने घरेलू फुटबॉल टूर्नामेंट जे-लीग को अगले महीने तक के लिए टाल दिया है। टोक्यो के पास के शहर चिबा में कोरोनावायरस के तीन केस पाए गए। इसी शहर में ओलिंपिक के ताइक्वांडो, फेंसिंग, कुश्ती और सर्फिंग खेल होने हैं। 2011 में आई सुनामी और भूकंप के बाद जापान में पहली बार इतने बड़े स्तर पर खेलों को रद्द किया गया है।
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