2023 से 4 दिवसीय टेस्ट की तैयारी, 2 साल में 60% मैच 5 से कम दिन में खत्म; गांगुली बोले- अभी कुछ कहना जल्दबाजी

खेल डेस्क. टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए आईसीसी अब 5 की जगह 4 दिन के टेस्ट मैच कराने पर विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) अगले साल इस संबंध में अन्य बोर्ड के अधिकारियों के साथ चर्चा करने जा रही है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले दो साल में 60% टेस्ट के रिजल्ट चार या कम दिन में ही आ गए। 2018 से 2019 के बीच 87 टेस्ट हुए। 52 मैच चार या कम दिन में ही खत्म हो गए। 2023 से टेस्ट चैंपियनशिप से इसे लागू किया जा सकता है। लेकिन सभी देशों के राजी होने की संभावना कम है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हम प्रपोजल देखकर ही कोई फैसला लेंगे।

हर देश में टी20 लीग के कारण भी टेस्ट के दिन में कटौती की बात चल रही है। 2015 से 2023 के कैलेंडर को देखें तो अगर पांच की जगह चार दिन के टेस्ट होते तो 335 दिन बच जाते, जो काफी महत्वपूर्ण है। इससे टेस्ट सीरीज की संख्या भी बढ़ जाती। चार दिन के टेस्ट से विभिन्न देश के बोर्ड और ब्रॉडकास्टर के रेवेन्यू में भी काफी बढ़ोतरी होगी। पिछले दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की सीरीज 20 दिन में खेली गई। अगर टेस्ट चार दिन के होते तो पांच मैच हो जाते।

हर दिन खेल आधे घंटे बढ़ेगा, सिर्फ 58 ओवर का ही खेल कम होगा
चार दिवसीय टेस्ट के मुकाबले गुरुवार से रविवार के बीच आयोजित करने की तैयारी है। वीकेंड में फैंस बड़ी संख्या में मैच देखने आ सकेंगे। गोल्फ के अलावा कई अन्य खेलों के मेजर टूर्नामेंट इसी दिन होते हैं। नियम के अनुसार हर दिन 90 की जगह 98 ओवर का खेल होगा। हर दिन छह की जगह साढ़े छह घंटे का खेल होगा। यानी चार दिन के टेस्ट से सिर्फ 58 ओवर का खेल कम होगा और पूरा एक दिन बचेगा।

हर मैदान में फ्लड लाइट जरूरी की जाएंगी, जिससे देर तक चल सकें मैच
हर दिन आधे घंटे का खेल बढ़ने से मैच का शेड्यूल बदला जाएगा। ऐसे में मैच देर शाम तक चलेगा। ऐसे में आईसीसी मैच के लिए फ्लड लाइट का होना अनिवार्य कर सकती है। ताकि लाइट में बचे ओवर फेंके जा सके। अभी टेस्ट में रेड बॉल से फ्लड लाइट में खेलने के लिए दोनों टीमों की सहमति जरूरी होती है।

सबसे लंबा टेस्ट 12 दिन तक चला था
टेस्ट इतिहास का सबसे लंबा मैच 1939 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में खेला गया था। उस समय मैच तब तक चलते थे, जब तक रिजल्ट नहीं आ आता था। 3 मार्च को शुरू हुआ टेस्ट 14 मार्च तक चला था। दो दिन रेस्ट था। बारिश के कारण एक दिन का खेल नहीं हो सका था। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 530 जबकि दूसरी पारी में 481 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे। दूसरी पारी में टीम ने 5 विकेट पर 654 रन बनाए थे। मैच एक दिन और नहीं बढ़ाया गया क्योंकि इंग्लैंड की टीम देश लौटने के लिए बोट नहीं पकड़ पाती।

ऑस्ट्रेलिया 4 दिन के पक्ष में, अगले साल से शुरुआत
क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के सीईओ केविन रॉबर्टसन ने कहा, 'चार दिनों के टेस्ट को लेकर हमें गंभीरता से विचार करना होगा। हमें पिछले पांच से 10 साल के अंतराल में टेस्ट मैच के रिकॉर्ड को देखना होगा। उन्होंने कहा, 'हमें इस बात पर गौर करना होगा, जो भविष्य के लिए जरूरी है। हम 12 से 18 महीने में कोई फैसला करेंगे और यह 2023 से 2031 के कैलेंडर में शामिल होगा। हम आईसीसी सदस्यों के साथ बात कर रहे हैं। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।' 2020 में ऑस्ट्रेलिया घर में अफगानिस्तान से 4 दिन का टेस्ट खेलेगा। इंटरनेशनल प्लेयर्स फेडरेशन फिका के हेड टोनी आयरिश ने कहा, 'चार दिन के टेस्ट के दो मायने हैं। यह कैलेंडर और कार्यक्रम से दबाव को कम करेगा। लेकिन जो समय बचेगा उसमें नए टूर्नामेंट को शामिल किया जाएगा। ऐसे में नए कैलेंडर को सरल होना चाहिए।'

2017 में 48 फीसदी मैच 4 दिन में खत्म हुए
2017 की बात करें तो 46 में से 22 मैच चार या कम दिन में खत्म हो गए। यानी 48 फीसदी। 2018 में 56 फीसदी जबकि 2019 में करीब 64 फीसदी टेस्ट 4 दिन में खत्म हो गए। इस कारण भी टेस्ट मैच के दिन कम किए जाने की बात चल रही है। भारतीय टीम ने घर में 2018 से अब तक 8 टेस्ट घर में खेले हैं। इनमें से सिर्फ एक टेस्ट 5वें दिन तक चला। अन्य 7 टेस्ट चार या उससे कम दिन में खत्म हो गए। द. अफ्रीका में 12 में से 11 मैच चार दिन में खत्म हुए। श्रीलंका में 7 में से 6, विंडीज में 9 में से 7 टेस्ट 4 दिन में पूरे हुए।

1980-99 के बीच सिर्फ 28% मैच 4 दिन चले
1980 से 1999 के बीच खेले गए 613 टेस्ट की बात करें तो सिर्फ 169 मैच चार या कम दिन में खत्म हुए। यानी सिर्फ 28%। वहीं, 2000 से 2019 के बीच आंकड़े देखें तो 897 मैच में से 392 मैच चार या कम दिन में खत्म हुए। 44 फीसदी। 2005 से टी20 के शुरू होने के बाद बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट बढ़ा है। इस कारण तेजी से रन तो बने लेकिन विकेट भी गिरे। 1980-99 के बीच टीम का औसत स्ट्राइक रेट 42 था। यानी 100 गेंद पर 42 रन बनने थे। 2000-19 के बीच स्ट्राइक रेट 51 हो गया।

रोमांच बढ़ाने 2015 से डे-नाइट टेस्ट शुरू हुए
टेस्ट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी ने पहले भी कई बदलाव किए हैं। 2015 में डे-नाइट टेस्ट की शुरुआत हुई। डे-नाइट टेस्ट पिंक बॉल से खेला जाता है। टीम इंडिया ने इस साल नवंबर में पहली बार डे-नाइट टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ खेला। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 7 टेस्ट खेले हैं और सभी में उसे जीत मिली है। अब तक 10 टीमों ने डे-नाइट टेस्ट खेले हैं। 7 को जीत मिली है। विंडीज, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ने एक भी मैच नहीं जीता है। टेस्ट की जर्सी भी बदली गई है। जर्सी पर अब नाम लिखा होता है।



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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा- हम आईसीसी के प्रपोजल को देखकर ही कोई फैसला लेंगे। -फाइल फोटो


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