ड्यूक गेंद की सिलाई हाथ से होती है, इसलिए चमक के लिए पसीना ही काफी; कूकाबूरा बॉल चमकाने के लिए वैक्स बना रहा
कोरोनावायरस के बीच संक्रमण की वजह से आईसीसी गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग को बैन कर सकती है। अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने अंतरिम तौर पर इसे बैन करने की मांग की है।
इस बीच ड्यूक गेंद बनाने वाली कंपनी ने कहा कि भले ही लार का उपयोग बैन कर दिया जाए। इससे गेंद पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। गेंद की सिलाई हाथ से की जाती है। ऐसे में पसीने से गेंद को ठोस रखा जा सकता है।
इंग्लैंड जुलाई में वेस्टइंडीज से टेस्ट सीरीज खेलेगा
इंग्लैंड सहित कई देशों में ड्यूक गेंद का टेस्ट में उपयोग किया जाता है। कोरोना के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत इंग्लैंड से ही होनी है। 8 अगस्त से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज शुरू होगी।
गेंद और बल्ले का बैलेंस जरूरी
ड्यूक के मालिक दिलीप जाजोदिया ने कहा है कि इंग्लैंड में स्विंग की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि खेल को रोचक बनाए रखने के लिए गेंद और बल्ले के बीच बैलेंस होना जरूरी है। गेंद की सिलाई हाथ से होती है, इसलिए यह लंबे समय तक ठोस रहेगी। गेंदबाज भले ही थूक का इस्तेमाल नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें पसीने से गेंद चमकाने की अनुमति रहेगी। यह चमक बनाए रखने के लिए पर्याप्त है।
कूकाबूरा गेंद को चमकाने के लिए वैक्स बन रहा
ऑस्ट्रेलियन कंपनी कूकाबूरा गेंद को चमकाने के लिए वैक्स बना रही है। हालांकि ड्यूक कंपनी ने कहा कि नेचुरल चीजों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स के कहा था कि देश में स्विंग के लिए मददगार ड्यूक गेंद इस्तेमाल होती है।
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