टोक्यो गेम्स की तैयारी में जुटे 66% वॉलंटियर ने चिंता जताई, ऑर्गनाइजर्स से पूछा- कोरोना से निपटने के लिए क्या इंतजाम रहेंगे
कोरोनावायरस के कारण एक साल के लिए टल चुके टोक्यो ओलिंपिक पर अब भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कई विशेषज्ञों ने इसके अगले साल होने पर भी सवाल उठाए हैं। इसके बाद टोक्यो गेम्स के ऑर्गनाइजर्स ने तैयारी में जुटे वॉलंटियर के बीच एक सर्वे कराया, जिसमें 66.8% लोगों ने चिंता जताई है। इन्होंने उलटा ऑर्गनाइजर्स से पूछा कि ओलिंपिक के दौरान कोरोना से निपटने के लिए क्या इंतजाम रहेंगे।
टोक्यो ओलिंपिक 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 को होंगे। पहले यह गेम्स इसी साल 24 जुलाई से होना था, लेकिन कोरोना के कारण टाल दिए गए। ओलिंपिक वर्ल्ड वॉर के कारण तीन बार 1916, 1940 और 1944 में रद्द हो चुके हैं।
ऐसे ही हालात रहे तो अगले साल ओलिंपिक होना मुश्किल
टोक्यो ओलिंपिक के ऑर्गनाइजर्स ने 80 हजार वॉलंटियर के बीच सर्वे कराया, जिसमें 26 हजार ने जवाब दिए। इनमें से 34% ने कहा कि कोरोना के कारण ट्रेनिंग को टाल दिया गया था, इस कारण उन्हें ज्यादा कुछ जानने का मौका ही नहीं मिला। कुछ ने कहा कि काम के दौरान उन्हें हमेशा संक्रमण की चिंता लगी रहती थी। वहीं, कुछ ने आशंका जताई कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो अगले साल ओलिंपिक होना मुश्किल होगा।
मीडिया सर्वे में ज्यादातर लोग ओलिंपिक के पक्ष में नहीं
हाल ही में जापानी मीडिया ने भी एक सर्वे कराया था। उसमें यह बात सामने आई थी कि टोक्यो में रहने वाले ज्यादातर लोग 2021 में ओलिंपिक कराने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गेम्स को टाल या रद्द कर देना चाहिए। 51.7% ने गेम्स को टालने की बात कही, जबकि 46.3% लोग चाहते हैं कि ओलिंपिक तय समय पर कराए जाएं।
ओलिंपिक के लिए कोरोना की वैक्सीन जरूरी
पिछले ही हफ्ते टोक्यो ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने अगले साल होने वाले गेम्स के लिए कोरोना की वैक्सीन को जरूरी बताया था। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में मोरी ने कहा था, ‘‘आज जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसको देखकर एक साल बाद की स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती है। यदि आज जैसे हालात रहे तो अगले साल ओलिंपिक का होना मुश्किल है। हम इसे नहीं करवाएंगे। ओलिंपिक में कम दर्शकों को इंट्री देना भी बेहद मुश्किल है।’’
ओलिंपिक को टालना मुश्किल
खेलों के व्यस्त शेड्यूल के चलते ओलिंपिक का अगले साल भी टलना मुश्किल लग रहा है। 2022 में फुटबॉल का वर्ल्ड कप कतर में होना है। वहीं, बीजिंग में 2022 विंटर ओलिंपिक भी होने हैं। ऐसे में यदि कोरोना का खतरा बढ़ता है, तो टोक्यो गेम्स रद्द होने की पूरी आशंका है।
ओलिंपिक टलने से जापान को 56 हजार करोड़ रु. का नुकसान
जापान की डेली निक्कन स्पोर्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, ताकाशाही ने कहा है कि ओलिंपिक के रद्द होने से जापान और विश्व की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। इसके रद्द होने से काफी ज्यादा नुकसान होगा। ताकाशाही ने नुकसान की कीमत नहीं बताई है। हालांकि, ओलिंपिक के एक साल टलने से जापान को पहले ही 56 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। साथ ही उस पर 20 करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा खर्च भी बढ़ गया है।
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